ओ राही रे--!!
आज की प्रतियोगिता हेतू
विधा :कविता
विषय : ओ राही रे---!!
दिनांक: १७/११/२१
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सुख-दुख मृत्यु जीवन लगे हैं अंग,
जिते परत चढ़ाइ लो राही,होना है अंत!
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बनाई जग में मृत्यु सबुसे प्रीत ,
मानव संग खेल रही सौदाई गीत.!
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हाड़ मांस पिंजर कैद रहा मन मीत,
कब चल उड़े पंछी जाने क्या हो रीत--!!
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राजा हो चाहे-रंक , मंद बुद्धि हो चाहे तेज़,
प्राण हरेगा काल जब ना चले फिर विवेक-!!
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घमंडी महल में ऊंचा ,नौकर रहे अनेक,
दौलत काम ना आएगी मृत्यु सुने ना एक--!!
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सुंदर शरीर क्षीण गया,गूढ़ ज्ञान पाखंड,
कहे सुनंदा ,निरमोही ना कर इत्ता घमंड!
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चिंता चिता जन्म की,ईश्वर पर छोड़,
रब चिंतन सुंदर है मोह दिया है तोड़ .!!
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#लेखनी
#लेखनी काव्य
#लेखनी काव्य संग्रह
सुनंदा..✍️🍁
Seema Priyadarshini sahay
17-Nov-2021 05:45 PM
बहुत खूबसूरत
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Kavita Jha
17-Nov-2021 03:51 PM
अति सुन्दर 👌🙏
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